Sat. Sep 30th, 2023
home remedies for pcos in hindi

home remedies for pcos in hindi : आज के समय पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOD or PCOS ) की परेशानी से पीड़ित महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा हो गई या आप कह सकते है पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की परेशानी आम समस्या हो गई है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अनुचित और असंतुलित खान-पान और ख़राब जीवनशैली की वजह से पीसीओडी का प्रॉब्लम ज्यादा होने लगा है। महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होने की वजह से भी पीसीओडी रोग होने का खतरा ज्यादा होता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) की समस्या महिलाओं में ज्यादातर प्रजनन काल में देखने को मिलती है,16 से लेकर 35 वर्ष तक की महिलाओं में पीसीओएस या पीसीओडी की परेशानी होती है और कई बार तो महिलाओ के शरीर के भीतर पल रही इस बीमारी की जानकारी भी नहीं होती है|

महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन की वजह से कई बार अंडाशय में छोटी-छोटी गाँठे बन सकती है,अंडाशय में बनाने वाली इन गांठो को सिस्ट भी कहा जाता है। यह गांठ तरल युक्त पदार्थ से मिलकर बनी होती है और धीरे-धीरे इनका आकार भी बढ़ने लगता है| अंडाशय में एक साथ कई छोटी और बड़ी सिस्ट या गांठ बन जाती है। पीसीओएस बीमारी का असर महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है,जिसकी वजह से महिला गर्भधारण में असमर्थ हो सकती है। कुछ लोगो का मानना है की पीसीओडी का घरेलू उपचार घरेलु नुस्खों से नहीं किया जा सकता है,जबकि सच्चाई यह है पीसीओडी का घरेलू उपचार घरेलु नुस्खे (Home remedies for PCOS) से भी किया जा सकता हैं।

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पीसीओएस या पीसीओडी क्या है (What is PCOD or PCOS)?

ऐसी महिलाऐं जिनमे प्रजनन हार्मोंस के संतुलन में गड़बड़ी या मेटाबॉलिज्म खराब होने की वजह से उनमे पीसीओएस या पीसीओडी की बीमारी होती है। किसी भी महिला के अगर हार्मोंस असंतुलित होते है तो उसका मासिक धर्म चक्र काफी प्रभावित होता है। आमतौर पर सामान्य स्थिति में हर महीने पीरियड्स या मासिक धर्म के बाद अंडाशय में अंडाणुओं का निर्माण होकर बाहर निकलते हैं। दूसरी तरफ पीसीओएस से पीड़ित महिला में अंडाणु न तो पूरी तरह से विकसित होते हैं और ना ही बाहर निकल पाते हैं| आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त, कफ की वजह से रोग होता है,कफ दोष की वजह से तरल पदार्थ युक्त गांठे बनती है, पित्त और वात दोष की वजह से हार्मोन का असंतुलन होता है| पहले के ज़माने में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की परेशानी 30 से 35 वर्ष की महिलाओं में होती थी लेकिन आज 16 से 20 वर्ष की लड़कियों में भी पीसीओडी समस्या हो जाती है।

पीसीओएस या पीसीओडी के प्रकार

ऊपर आपने pcod के बारे में जाना अब हम आपको बताते है pcos कितने प्रकार के होते है?पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) मुखयतः तीन प्रकार के होते हैं –

1 – इंसुलिन रेजिस्टेंट पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Insulin Resistant PCOS)

इस प्रकार के सिंड्रोम में महिला के शरीर में इन्सुलिन की मात्रा कम होने लगती है या आप कह सकते है की महिला का शरीर इन्सुलिन के प्रति कम प्रभावशाली होने लगता है,जिसकी वजह से रक्त में शर्करा का स्तर भी असंतुलित या बिगड़ जाता है। बहुत ज्यादा इन्सुलिन की वजह से महिला के शरीर में ओव्युलेशन की प्रक्रिया बाधित होने लगती है है और अण्डाशय काफी टेस्टोस्टेटोन बनाने लगता है। 

2 – इम्युनिटी से संबंधित पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Immune related PCOS)

अगर महिला के शरीर के अन्दर काफी लम्बे समय से किसी भी प्रकार के सूजन संबंधी विकार होने की वजह से इस प्रकार का सिंड्रोम हो जाता है|

3 – गर्भनिरोधक गोलियों के कारण पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Due to oral contraceptine pills)

ऐसी महिलाए जो काफी लम्बे समय से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती है तो उन गोलियों की वजह से महिला के शरीर में मौजूद हार्मोन असंतुलित हो सकते है है,जिसकी वजह से इस तरह का PCOS होने की प्रबल संभावना रहती है। इनके अलावा टाइप-1, टाइप-2 व टाइप-3 पीसीओएस भी हो सकता है|

किन कारणों से होता है पीसीओएस, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम क्यों होता है (Causes of PCOS in Hindi)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक खतरनाक परेशानी है,जिसका हानिकारक असर महिलाओ के प्रजनन तंत्र पर पड़ता है| pcod महिला के शरीर में मौजूद अंडाशय को कमजोर बनाता है, जब अंडाशय से अंडे बाहर नहीं निकल पाते तो कई बार सिस्ट का रूप ले लेते है। अंडाशय में बनाने वाली सिस्ट एंड्रोजेन नाम का एक हॉर्मोन उत्पन्न करती है जिसकी वजह से पीसीओएस की परेशानी होती है, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) होने के काफी सारे कारण होते है, चलिए प्रमुख करने के बारे में हम आपको बताते है-

  • pcod होने की सबसे मुख्य वजह हार्मोंस में असंतुलन को माना गया है, लेकिन अगर किसी भी लड़की की मां को pcos की परेशानी रही है तो उसकी लड़की में भी pcos की समस्या हो सकती है| 
  •  महिलाओं के शरीर में ओवरी कुछ मात्रा में पुरुष हार्मोन का उत्पादन भी करती है,पुरुष हार्मोन अधिक मात्रा में उत्पन्न होने की वजह से ओव्यूलेशन प्रक्रिया के दौरान अंडाणु अंदर ही रह जाते है इस परेशानी को हाइपरएंड्रोजनिसम के नाम से जाना जाता है|
  • इंसुलिन : कुछ वैज्ञानिक शोध में इंसुलिन को भी इस बीमारी का एक कारण माना गया है। शरीर में अगर किसी भी इंसान के शरीर में इंसुलिन की मात्रा असंतुलित हो जाती है तो एंड्रोजन हार्मोन की मात्रा ज्यादा हो जाती है,जिससे ओव्यूलेशन प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है,जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं को पीसीओएस की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है|
  • आज के समय में पौष्टिक तत्वों की कमी वाला भोजन करना, अधिक जंक फूड खाना, शारीरिक व्यायाम बिलकुल ना करना और शराब या सिगरेट का सेवन इत्यादि वजहों से भी महिलाओं को pcos बीमारी का सामना करना पड़ता है।
  • डायबिटीज एवं उच्च रक्तचाप जैसे रोग की वजह से भी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की बीमारी हो सकती है।
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम बीमारी होने का एक मुख्य कारण तनाव भी होता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में तनावमुक्त रहना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है| 

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लक्षण, पीसीओएस के लक्षण ( PCOS/PCOD Ke Lakshan, Symptoms of PCOS in Hindi)

चलिए अब हम आपको पीसीओडी के लक्षणों के बारे में जानकारी उपलब्ध करते है –

  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की बीमारी से ग्रसित महिला के पीरियड या मासिक धर्म में अनियमितता हो सकती है,जिसकी वजह से पीरियड समय पर नहीं आता या बहुत अधिक मात्रा में हो सकता है।
  • अगर आपके चेहरे और शरीर पर काफी अधिक बालों का आना।
  • मुँहासों बहुत ज्यादा निकलना
  • गर्भधारण में परेशानी या गर्भधारण होने के बाद बार-बार गर्भपात होना ।
  • कम भोजन करने पर भी मोटापा या वजन का बहुत तेजी से बढ़ना।
  • सिर के बाल तेजी से झड़ रहे हो ।
  • सिर में रूसी या डेंड्रफ का होना।
  • पेट में दर्द की परेशानी होना
  •  चिड़चिड़ापन बहुत ज्यादा होना ।

पीसीओएस/पीसीओडी (PCOS/PCOD) के लिए आयुर्वेदिक उपचार (ayurvedic treatment for pcos at home in hindi )

प्राकृतिक जड़ी-बुटियों से पीसीओएस (PCOS) की परेशानी को दूर किया जा सकता है, जड़ी-बुटियों से बनी दवाओं से प्रजनन क्षमता को आसानी से बेहतर बनाया जा सकता है और शरीर में मौजूद हार्मोंस को भी संतुलित किया जा सकता है। पीसीओएस का इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां काफी लाभकारी मानी जाती हैं| चलिए अब हम आपको कुछ ऐसी दवाइयो (home remedies for pcos) के बारे में बता रहे है,जिनके सेवन करने से पीरियड्स को नियमित होने के साथ साथ अंडाशय की कार्यक्षमता में सुधार आता है और प्रजनन शक्ति भी बढ़ती है| लेकिन हमेशा ध्यान रखें की आयुर्वेदिक दवाइयों का सेवन हमेशा किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लेनी चाहिए क्योंकि डॉक्टर ही आपके शरीर के हिसाब से बेहतर दवा बता सकता हैं| इसीलिए हम आपको सलाह देंगे की कभी भी अपनी मर्जी से किसी भी दवाई का सेवन ना करें –

  • अशोकारिष्ट
  • चंद्रप्रभा वटी
  • कुमार्यासव
  • सुकुमार कषाय

home remedies for pcos in hindi

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लिए घरेलू उपाय, पीसीओडी का घरेलू उपचार (Home remedies for PCOS)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का इलाज करने के लिए पीसीओडी का घरेलू उपचार आजमाना चाहिए,चलिये हम आपको पीसीओडी का घरेलू इलाज के बारे में जानकारी देते है –

पीसीओडी का घरेलू उपचार है दालचीनी का मिश्रण (home remedies for pcos in Hindi)

pcos की परेशानी में दालचीनी भी काफी लाभकारी साबित हो सकती है, दालचीनी में मौजूद गुण शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ने से रोकने के साथ साथ मोटापे को कम करने में सहायक होते है| नियमित रूप से एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर को डालकर अच्छी तरह से मिलकर पी लें| इस पीसीओडी का घरेलू उपचार (home remedies for pcos) को करने से कुछ ही दिनों में आपको लाभ मिल सकता है|

पुदीना है पीसीओएस/पीसीओडी का घरेलू उपचार (home remedies for pcos facial hair in Hindi)

पुदीने में मौजूद गुण और पोषक तत्व pcos की परेशानी को कम करने में मददगार होते है,एक गिलास पानी लेकर उसे गर्म होने रख दें,फिर उसमे 7 या 8 पुदीने की पत्तियों को डाल दें,अब पानी को लगभग दस मिनट तक उबलने दें,फिर गैस को बंद कर दें फिर इसे किसी कप में छान लें और चाय की तरह सेवन कर लें| नियमित रूप से इस नुस्खे का सेवन करने से आपको लाभ मिलता है| 

मेथी वजन कम करने के साथ पीसीओडी का घरेलू उपचार भी है (home remedies for pcos and irregular periods in Hindi)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की परेशानी में वजन काफी तेजी से बढ़ता है,ऐसे में मेथी का सेवन लाभकारी होता है| मेथी में मौजूद गुण शरीर में इंसुलिन को बढ़ने से रोकने में मददगार होते है| सबसे पहले मेथी के बीजों को पानी में रात भर के लिए भिगो दें,सुबह उठकर मेथी के बीजो में से एक चम्मच बीज पानी में से निकाल कर थोड़े से शहद के साथ सेवन कर लें,फिर दोपहर को खाने से पहले और रात को खाने से पहले भी एक चम्मच मेथी के बीज शहद का खा लें| नियमित रूप से पीसीओडी का घरेलू उपचार (Home remedies for PCOS) आजमाने से लाभ मिल सकता है।

पीसीओडी आयुर्वेदिक उपचार है मुलेठी (ayurvedic treatment for pcos at home in Hindi)

मुलेठी गुणों का भण्डार मानी जाती है,मुलेठी में मौजूद गुण टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम करने में मददगार साबित होते है| एक कप पानी को उबलने रख दें फिर इसमें एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण डाल कर पकने दें,अच्छी तरह उबाल आने के बाद गैस बंद कर दें और इस काढ़े को चाय की तरह सिप लेकर पिएँ|

पीसीओडी का आयुर्वेदिक दवा है तुलसी (Tulsi home remedies for pcos in Hindi)

तुलसी में मौजूद एन्टी-एन्ड्रोजेनिक गुण pcos की परेशानी में लाभदायक होते है| नियमित रूप से तुलसी के पत्तो का काढ़ा पीने से आपको लाभ प्राप्त होता है|

पीसीओएस (PCOS) की स्थिति में भी गर्भवती होने के टिप्स

जब कोई भी महिला पीसीओएस की परेशानी का सामना करती है तो उसके मन में बहुत सारे सवाल आते है जैसे – pcos की परेशानी में गर्भधारण कैसे करूँ? pcos में गर्भधारण करने के उपाय ? इत्यादि | चलिए अब हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देने जा रहे है जिनकी मदद से आप जल्द गर्भधारण कर सकते है –

  • अपने खानपान में बदलाव जरूर लाना चाहिए जैसे pcos की परेशानी में ताजे फल, सब्जियां, बीन्स, सूखे मेवे व गेहूं के आटे का सेवन करना चाहिए तथा डिब्बाबंद, मांस, चीज़, दूध व तली हुई वस्तुओं और वसा युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए|
  • सभी को नियमित रूप से व्यायाम जरूर करना चाहिए,व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है,तनाव को कम करने में मदद मिलती है,वजन कम होता है| व्यायाम करने से अनेको लाभ प्राप्तहोते है जिसकी वजह से पीरियड्स भी नियमित समय पर होते है ऐसे में गर्भधारण करने की संभावना काफी बढ़ जाती है|
  •  धूम्रपान,शराब या आने किसी भी मादक पदार्थ का सेवन करने से इंसान की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है,इसीलिए इन चीजों का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए|
  • किसी भी प्रकार के तनाव से दुरी बना कर रखें,अपने आप को किसी ना किसी काम में बसी रखने की कोशिश करें|

पीसीओएस (PCOS) को रोकने के तरीके, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से बचने के उपाय (How to prevent PCOS)

अगर आपके परिवार में किसी भी महिला को pcos की परेशानी है तो आप यह जरूर जान लें,की आपकी आने वाली पीढ़ी में कोई भी महिला इस परेशानी से ग्रसित हो सकती है। हालांकि इस बीमारी से बचना काफी मुश्किल होता है, लेकिन अगर आप कुछ जरूरी सावधानियां रखते है तो आप इस बिमारी को बढ़ने से जरूर रोक सकते है। चलिए अब हम आपको कुछ सावधानियो के बारे में बताते है-

  • अपने वजन को हमेशा नियंत्रित रखना चाहिए अर्थात वजन ना तो कम होना चाहिए और ना ही ज्यादा होना चाहिए।
  • नियमित रूप से डॉक्टर से अपनी जांच जरूर करवानी चाहिए,जिससे इस परेशानी का पता शुरूआती दौर में ही चल जाएं और आप इसका इलाज करवा सकें|
  • अगर आपके पीरियड्स अनियमित होते हैं या फिर लगातार दो महीने तक पीरियड्स नहीं आते है तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए|

पीसीओएस (PCOS) के लिए योगासन, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम व्यायाम

नियमित रूप से योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है,मन को शांति मिलने के साथ साथ हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है| अगर आप पकस का घरेलू उपचार ढूंढ रहे है तो हम आपको बता दें की आप योग से भी पीसीओएस की परेशानी को दूर कर सकते है| अगर आप पीसीओएस की परेशानी में योग का सहारा लेती है तो बहुत जल्द आप गर्भधारण करके एक स्वस्थ शिशु को जन्म भी दे सकती है| योग से आप अलग अलग बिमारी से निजात पा सकते है,योग का असर आपको बहुत जल्द देखने को मिलता है| लेकिन अगर आप योग के बारे में कुछ नहीं जानते है और आप पहली बार योग कर रहे है तो हम आपको सलाह देंगे की किसी योग ट्रेनर की देखरेख में योग शुरू करें,ट्रेनर आपकी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही आपको योग बताएंगे और कराएंगे। चलिए कुछ योग की जानकारी हम आपको उपलब्ध करा रहे है –

  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम : अगर आप किसी भी प्रकार के मानसिक विकार का सामना कर रहे है तो यह योग आपके लिए काफी लाभकारी हो सकता है|
  • तितली आसन : यह आसन तनाव दूर करने के साथ साथ पीरियड्स को नियमित समय पर लाने के लिए भी लाभकारी होता हैं।
  • भुजंगासन : इस आसन को करते समय इंसान के पेट पर दबाव काफी पड़ता है, यह आसन पाचन तंत्र बेहतर बनाने के साथ साथ मासिक धर्म से जुड़े विकारो को दूर करने में सहायक होता हैं।
  • चक्रासन : अगर आप मासिक धर्म से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे है तो यह आसन आपके लिए बहुत लाभकारी है,नियमित रूप से इस आसन को करने से मासिक धर्म की जटिलताएं दूर हो जाती है और आपको गर्भधारण में भी लाभ प्राप्त होता है|
  • भ्रामरी प्राणायाम : इस आसन को करने से आपके जीवन में उत्पन्न किसी भी प्रकार का तनाव और मानसिक विकार जड़ से खत्म करने में सहायक होता है।
  • पद्मासना : इस आसन को नियमित रूप से करने से सभी हार्मोंस संतुलित हो जाते हैं।
  • सूर्य नमस्कार : सभी आसनो में से सबसे बेहतर आसन यही होता है,अगर आप इस आसन को करना सीख गए तो समझ लीजिए की इससे बेहतर आसन और कोई नहीं है| केवल सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करने से आपका पूरा शरीर फिट होने के साथ साथ शरीर के अंदरूनी अंग भी बेहतर तरीके से काम करने लग जाते हैं।

पीसीओएस में क्या खाना चाहिए ? (Foods for PCOS in Hindi)

पीसीओएस में निम्न खाद्य पदार्थो को शामिल कर सकते हैं। चलिए आगे विस्तार से बताते हैं।

  • पीसीओएस की परेशानी से पीड़ित इंसान को लो फैट प्रोटीन वाले आहार का सेवन (home remedies for pcos) करना चाहिए,क्योंकि ऐसा देखा गया है की महिलाओं में वजन बढ़ने की वजह से कई बार पीसीओएस की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है|
  • साबुत अनाज पीसीओएस की परेशानी में काफी फायदेमंद होते है| अगर आप pcos की परेशानी का सामना कर रहे है तो साबुत अनाज (home remedies for pcos) को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।
  • पीसीओएस के लक्षण को कम करने के लिए फाइबर युक्त आहार काफी लाभदायक होता है| फाइबर वजन कम करने में मददगार होने के साथ साथ पीसीओएस की परेशानी को कम करने में सहायक होता है। महिलाओं को अपने आहार में घुलनशील फाइबर का उपयोग जरूर करना चाहिए|
  • पीसीओएस की परेशानी से ग्रसित इंसान को ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए,जो शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक हो|
  • अधिक से अधिक ताजे फलों एवं सब्जियों का सेवन (home remedies for pcos in hindi) करना चाहिए|

पीसीओएस में क्या नहीं खाना चाहिए ? (Foods to Avoid in PCOS in Hindi)

पीसीओएस में क्या नहीं खाना चाहिए यह जानना बहुत जरुरी होता है की आपको किन खाद्य पदार्थो को शामिल करना है या नहीं। चिकिस्तक वजन नियंत्रित करने की सलाह देते है ताकि जोखिम को कम किया जा सके। चलिए आगे बताते हैं।

  • ऐसे पदार्थ जिनमे कार्बोहाइड्रेड मौजूद हो.उन पदार्थो का सेवन करने से बचना चाहिए|
  • कैंडी, शहद, कोल्ड्रिंक, कॉर्न, चीनी, सोडा युक्त पदार्थ से परहेज करने चाहिए ।
  • तैलीय, वसायुक्त, एवं मीठे भोजन का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए ।
  • बाहर का खाना, जंकफूड या प्रिजरवेटिव युक्त भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए|

हम आशा करते है की आपको हमारा लेख पीसीओडी का घरेलू उपचार (home remedies for pcos) में बताई गई जानकारी पसंद आई होगी| लेकिन हम आपको सलाह देंगे पीसीओडी का घरेलू उपचार (home remedies for pcos) लेख में बताए गए घरेलू नुस्खों का उपचार बिना चिकित्सक के परामर्श के ना करें| अगर आपको हमारा लेख पीसीओडी का घरेलू उपचार (home remedies for pcos) पसंद नहीं आया है तो आप गूगल या बिंग पर पीसीओडी का घरेलू उपचार या home remedies for pcos लिखकर सर्च करके अपनी परेशानी का हल प्राप्त कर सकते है|

 

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