swami samarth aarti : आज हम इस लेख में आपको स्वामी समर्थांची आरती उपलब्ध करा रहे है|
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श्री स्वामी समर्थ महाराज आरती, अक्कलकोट स्वामी समर्थांची आरती
जयदेव जयदेव श्री स्वामी समर्था
आरती ओवाळू चरणी ठेवूनिया माथा॥
छेली खेडेग्रामी तू अवतरलासी, जगदुध्दारासाठी राया तू फिरसी |
भक्त वत्सल खरा तू एक होसी, म्हणूनी शरण आलो तुझिया चरणांसी॥
॥जयदेव जयदेव श्री स्वामी……॥
त्रैगुण परब्रम्ह तुझा अवतार, याची काय वर्णू लीला पामर |
शेषादीक शिणले नलगे त्या पार,तेथे जडमूढ कैसा करु विस्तार॥
॥जयदेव जयदेव श्री स्वामी……॥
देवाधिदेव तू स्वामीराया, निर्जर मूनिजन ध्याती भावे तव पाया |
तुजसी अर्पण केली आपली ही काया,शरणागता तारी तू स्वामीराया ॥
॥जयदेव जयदेव श्री स्वामी……॥
अघटित लीला करुनी जडमूढ उध्दरीले,किर्ती ऐकुनी कानी चरणी मी लोळे |
चरण प्रसाद मोठा मज हे अनुभवले, तुझ्या सूता नलगे चरणावेगळे ॥
॥जयदेव जयदेव श्री स्वामी……॥
समर्थांची आरती, सामी समथ आरती, जय जय सद्गुरु स्वामी समर्था, swami samarth aarti
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